नम आंखों से पूर्व भारतीय विकेटकीपर नमन ओझा ने क्रिकेट से लिया संन्यास, कही ये बात
ओझा टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों ही फॉर्मेट में भारत की तरफ से खेले थे. घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग में अच्छे प्रदर्शन के दम पर उन्हें 2010 में टीम इंडिया के जिम्बाब्वे दौरे से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला था. उस दौरे पर एक वनडे और दो टी-20 खेलने के बाद वे टीम से बाहर हो गए. उन्होंने वनडे में 1 और दो टी-20 में 12 रन बनाए. इसके 4 साल बाद इंडिया-ए के ऑस्ट्रेलिय़ा दौरे पर लगातार दो दोहरे शतक लगाने के बाद उन्हें 2015 में भारत के श्रीलंका दौरे पर टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला. हालांकि, यह उनका पहला और इकलौता टेस्ट ही साबित हुआ. टेस्ट में उन्होंने 56 रन बनाए थे. इसके अलावा चार कैप भी लपके थे.
रणजी ट्रॉफी में विकेट के पीछे सबसे ज्यादा शिकार किए हैं
महेंद्र सिंह धोनी के टीम में आने के बाद इस विकटेकीपर बल्लेबाज को फिर टीम में मौका नहीं मिला. ओझा ने 17 साल की उम्र में मध्य प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया था. वे दो दशक तक घरेलू क्रिकेट में सबसे सफल विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक रहे. ओपनिंग के साथ ही किसी भी नंबर पर खेलने की काबिलियत के दम पर ही उन्होंने घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए. ओझा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 146 मैच में 41.67 की औसत से 9753 रन बनाए. उन्होंने 22 शतक और 55 अर्धशतक भी जमाए. इसके अलावा उन्होंने विकेट के बीच 471 शिकार किए. इसमें 417 कैच और 54 स्टम्पिंग है.
इसके अलावा उन्होंने रणजी ट्रॉफी में भी 351 शिकार किए. जो टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा है.
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— ANOOP DEV (@AnoopCricket) February 15, 2021
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ओझा इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेलते नजर आए हैं. वे आईपीएल का खिताब जीतने वाली सनराइजर्स हैदराबाद टीम के भी सदस्य रह चुके हैं. इसके अलावा दिल्ली और राजस्थान फ्रेंचाइजी के लिए भी खेल चुके हैं.