वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने और सीरीज में बने रहने के लिए टीम इंडिया को कुछ खास करना होगा
यह पहली वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप है. तकरीबन 18 महीने तक भारतीय टीम डब्ल्यूटीसी की अंक तालिका में पहले दो स्थान से नीचे नहीं आई. ज्यादातर वक्त तो टीम इंडिया पहले पायदान पर ही रही. लेकिन अचानक टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उसकी राह मुश्किल नजर आने लगी. इसे नकारा नहीं जा सकता है. अगर टीम इंडिया इस साल लॉर्ड्स में वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंचती है, तो यह खिलाड़ियों के साथ-साथ टीम की साख पर भी बट्टा लगने जैसा होगा. अगर डब्ल्यूटीसी की मौजूदा रैंकिंग पर नजर डालें, तो वेस्टइंडीज और पाकिस्तान को घरेलू सीरीज में हराने के बाद न्यूजीलैंड ने फाइनल में जगह पक्की कर ली है. कोरोना के कारण ऑस्ट्रेलिया का मौजूदा दक्षिण अफ्रीका दौरा रद्द होने का भी फायदा न्यूजीलैंड को मिला.
इंग्लैंड को जीत से मिला बड़ा फायदा
बीते हफ्ते चेपक में टीम इंडिया को हराने वाली इंग्लैंड को इस जीत का बड़ा फायदा मिला है. डब्ल्यूसीटी की अंक तालिका में इंग्लैंड टीम विनिंग परसेंटेज के हिसाब से शीर्ष पर है. अगर इंग्लैंड टीम चार टेस्ट की यह सीरीज 3-1, 3-0 या 4-0 से जीतती है, तो वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी. अगर ऐसा होता है, तो यह इंग्लिश टीम की बड़ी कामयाबी होगी. क्योंकि कुछ हफ्तों पहले तक तो इसकी उम्मीद बेहद कम थी.
पहले टेस्ट में टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन का सिर्फ इंग्लैंड को ही फायदा नहीं हुआ है, बल्कि ऑस्ट्रेलिया को भी लाइफलाइन मिल गई है और उसके पास भी फाइनल में पहुंचने का मौका है. अगर भारत-इंग्लैंड के बीच 4 टेस्ट की यह सीरीज 1-1 या 2-2 से ड्रॉ रहती है, तो ऑस्ट्रेलिया डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुच सकता है. इसके अलावा अगर इंग्लैंड 2-1 से टेस्ट सीरीज जीतता है, तो भी ऑस्ट्रेलिया फाइनल खेल सकता है. भारत के फाइनल में पहुंचने का सीधा संबंध उसके सीरीज जीतने से ही है. अगर टीम इंडिया 2-1 से सीरीज जीत जाती है, तो वो फाइनल में पहुंच जाएगी. अब कप्तान कोहली के मन में डब्ल्यूटीसी को लेकर अलग सोच हो, लेकिन वो भी किसी भी सूरत में यह सीरीज जीतना ही चाहते होंगे.
इंग्लैंड के लिए भी रास्ता नहीं आसान
ऐसा नहीं है कि चुनौती सिर्फ भारतीय टीम के सामने ही है. इंग्लैंड के भी डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचने का रास्ता इतना आसान नहीं है, भले ही इंग्लिश टीम श्रीलंका को दो टेस्ट की सीरीज में क्लीन स्वीप करने के बाद यहां आई है. इससे पहले जब इंग्लैंड टीम भारत दौरे पर आई थी, तो पांच मैच की सीरीज में उसे मेजबान टीम ने 4-0 से हराया था.
ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह से टीम इंडिया ने पिछड़ने के बाद सीरीज जीती. उससे फैंस और एक्सपर्ट्स को भी यह लगता है कि यह टीम आसानी से हार नहीं मानेगी. कप्तान कोहली और इशांत शर्मा की वापसी से भी टीम ज्यादा मजबूत हुई है. वैसे भी चेन्नई की पिच पर भारतीय बल्लेबाजों और स्पिनर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है. ऐसे में अगर टीम इंडिया सीरीज में वापसी करे, तो किसी को हैरानी नहीं होगी. पहले टेस्ट में मेहमान टीम खेल के हर डिपार्टमेंट गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में टीम इंडिया पर भारी पड़ी. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इतनी बड़ी हार के बाद भारतीय टीम वापसी करेगी?.
सिर्फ टॉस जीतना इंग्लैंड की जीत की वजह नहीं
पहले टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के टॉस जीतने को भी मेजबान टीम की जीत की प्रमुख वजह माना जा रहा है. लेकिन मेरी नजर में इसमें बहुत ज्यादा सच्चाई नहीं है. क्योंकि इंग्लैंड ने अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया. साथ ही टीम की रणनीति और तैयारी अच्छी थी. बल्लेबाजी में खुद कप्तान जो रूट ने दोहरा शतक जमाया. उन्हें टॉप ऑर्डर में डॉमिनिक सिबली और बेन स्टोक्स अच्छा साथ मिला. वहीं, निचले क्रम में डॉम बेस और लिच ने भी अच्छे हाथ दिखाए. टॉस जीतने के बाद भी चेपक में भारत के खिलाफ 578 रन बनाना आसान नहीं था. ऐसे में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को इसका पूरा श्रेय जाता है.
दूसरी तरफ, भारतीय टीम की तैयारी उतनी बेहतर नजर नहीं आई. गेंदबाजों ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया. हां, रविचंद्रन अश्विन ने जरूर 9 विकेट लेकर अपनी छाप छोड़ी. लेकिन, बाकी कोई गेंदबाज जेम्स एंडरसन की तरह छाप छोड़ने में नाकाम रहा. वहीं, बल्लेबाजी में भी कुछ खिलाड़ियों ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन जो रूट की तरह आखिरी तक टिके नहीं रह सके.
टीम इंडिया का सेलेक्शन पर सवाल
अगर टीम सेलेक्शन की बात करें, तो शाहबाज नदीम को लेकर भारी पड़ा. उन्हें मैच से ठीक पहले अक्षऱ पटेल के चोटिल होने की वजह से टीम में चुना गया और मैदान पर यह नजर भी आया. नदीम की गेंदबाजी में नियंत्रण नहीं दिखा. सवाल यह उठता है कि बतौर बाएं हाथ के स्पिनर अगर कुलदीप यादव टीम की पहली पसंद नहीं है, तो फिर वे टीम क्या कर रहे हैं?
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ऐसा नहीं है कि सीरीज में 1-0 से पिछड़ने के बाद टीम इंडिया वापसी नहीं कर सकती है. भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2016-17 में भी ऐसा किया है. लेकिन ऐसा करने के लिए टीम को एकजुट होना पड़ेगा. टीम कॉम्बिनेशन को दुरुस्त करना होगा. वहीं, अजिंक्य रहाणे और रोहित शर्मा जैसे की प्लेयर्स को रन बनाने होंगे. हालांकि, मौजूदा दौरे पर जैसी इंग्लैंड टीम नजर आ रही है, उससे पार पाना आसान नहीं है. इंग्लिश टीम के पास अनुभवी खिलाड़ियों के साथ यंग टैलेंट का अच्छा पूल दिख रहा है. ऐसे में अगर टीम इंडिया को डब्ल्यूटीसी के फाइनल का टिकट कटाना है, तो कुछ खास करना होगा.