• Home
  • Courses
  • Blog
    • Bollywood
    • News
    • Cricket
    • How To
    • Make Money Online
    • Smart Phones
    • Tips & Tricks
  • Features
    • Membership
    • Portfolio
    • FAQs
    • Sidebar Shop
  • More
    • Gadgets Review
  • Contact Us
  • About Us
    Have any question?
    [email protected]
    Login
    • About Us
    • Terms & Conditions
    • Privacy Policy
    • Disclaimer
    Tech Radar LiveTech Radar Live
    • Home
    • Courses
    • Blog
      • Bollywood
      • News
      • Cricket
      • How To
      • Make Money Online
      • Smart Phones
      • Tips & Tricks
    • Features
      • Membership
      • Portfolio
      • FAQs
      • Sidebar Shop
    • More
      • Gadgets Review
    • Contact Us
    • About Us

      Cricket

      • Home
      • Blog
      • Cricket
      • विराट कोहली जिस ड्यूक बॉल की पैरवी कर रहे हैं, वो कैसी होती हैं, कैसे बनती हैं

      विराट कोहली जिस ड्यूक बॉल की पैरवी कर रहे हैं, वो कैसी होती हैं, कैसे बनती हैं

      • Posted by My Tech Learn
      • Categories Cricket
      • Date 11 February 2021
      • Comments 0 comment


      इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा घरेलू क्रिकेट सीरीज में चेन्नई टेस्ट में हार के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इस्तेमाल की जा रही आधिकारिक एसजी बाॅल्स को लेकर नाखुशी जाहिर की है. उन्हें अगर गेंद की सीम से शिकायत है तो ये भी कहना है कि ये गेंदें लंबे समय तक शेप में नहीं रहतीं. कोहली ने एसजी की जगह ड्यूक बॉल से खेलने की इच्छा जाहिर की है.

      ड्यूक गेंद वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे लंबे समय से इस्तेमाल की जा रही हैं. वैसे फिलहाल वर्ल्ड क्रिकेट ड्यूक के साथ एसजी और कूकाबुरा गेंदों का भी इस्तेमाल होता है. तीनों को ही क्रिकेट खेलने वाले देश अच्छी गेंदों में शुमार करते हैं. एसजी गेंद लंबे समय से बीसीसीआई की आधिकारिक गेंद रही है. आमतौर पर घरेलू सीरीज में इसी का इस्तेमाल होता है.

      जानते हैं ड्यूक गेंदों के बारे में. आमतौर पर वर्ल्ड कप में इसी गेंद का इस्तेमाल होता है. पिछले वर्ल्ड कप में यही गेंद इस्तेमाल हुई थी. ड्यूक गेंदें बनाने वाली कंपनी क्रिकेट की सबसे पुरानी कंपनी है, ये करीब 225 साल से गेंदें बना रही है. कुछ साल पहले ब्रिटेन की इस कंपनी को एक भारतीय ने खरीद लिया था.

      ड्यूक गेंदों का क्रिकेट के साथ एक लंबा रिश्ता रहा है. ये दमदार गेंदें स्काॅटलैंड की एक खास गाय की नस्ल के चमड़े से तैयार होती हैं.

      ये भी पढ़ें:- इंग्लैंड के ‘बड़ा साहिब’ का टॉप सीक्रेट, क्या था ‘चर्चिल सिगार अस्सिटेंट’ किस्सा?

      कौन से देश किन गेंदों का इस्तेमाल करते हैं

      वर्ल्ड क्रिकेट में जो देश शिरकत करते हैं, उसमें इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीम ड्यूक गेंदों का इस्तेमाल करती हैं. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान जैसे देश कूकाबुरा गेंदों से खेलते हैं यानि जब भी इन देशों में क्रिकेट के कोई मैच होते हैं तो उसमें ऑस्ट्रेलिया की बनी कूकाबुरा गेंदें इस्तेमाल होती हैं. एसजी गेंदों का इस्तेमाल भारत करता है. बांग्लादेश और श्रीलंका की टीमें भी इससे खेलती हैं.

      90 ओवरों तक आराम से चलती हैं ड्यूक गेंदें

      जहां तक आईसीसी की वर्ल्ड कप के लिए ऑफिशियल गेंद का सवाल है तो वो गेंद अब ड्यूक है. ड्यूक गेंदों के बारे में कहा जाता है कि ये गेंदें इतनी दमदार होती हैं कि इनसे बहुत आराम से 90 ओवरों तक का खेल खेला जा सकता है. इनमें कोई खराबी नहीं आती. लेकिन कूकाबुरा और एसजी बॉल्स को लेकर ऐसा नहीं कहा जा सकता. उनका शेप 40 ओवर के बाद बदलने लगता है.

      लंदन में ड्यूक बॉल फैक्ट्री में इसके भारतीय मालिक दिलीप जजोदिया

      ऐसा पहली बार नहीं है जबकि भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ने एसजी गेंदों की क्वालिटी पर सवाल उठाया है. वो पहले भी ऐसा करते हुए ड्यूक गेंदों की वकालत कर चुके हैं. यहां तक ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर भी मानते हैं कि ड्यूक गेंदें ज्यादा सही रहती हैं.

      ये भी पढे़ं – अमेरिका में पढ़ाई, लंदन में नौकरी और इंडिया में पॉलिटिक्स-जानिए तेजतर्रार महुआ मोइत्रा को

      एक भारतीय की है ड्यूक गेंदें बनाने वाली ब्रितानी कंपनी

      ड्यूक गेंदें बनाने वाली ब्रितानी कंपनी फिलहाल 74 वर्षीय दिलीप जजोदिया की है. बेंगलुरु के रहने वाले जजोदिया 1962 में भारत से इंग्लैंड पहुंचे. वहां उनकी कंपनी मॉरेंट क्रिकेट का सामान बनाने लगी. इसके बाद उन्होंने 1760 में स्थापित ड्यूक कंपनी को 1987 में खरीद लिया. जजोदिया टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन अब वो दुनिया की सबसे बेहतरीन क्रिकेट गेंद बनाने वाली कंपनी के मालिक हैं.

      कहा जाता है कि आईसीसी वर्ल्ड कप में जो ड्यूक गेंदें इस्तेमाल हो रही हैं, उसमें अब तक क्वालिटी की कोई समस्या नहीं आई है. 200 साल में इस गेंद को बनाने और क्वालिटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

      ड्यूक बॉल बनने की प्रक्रिया

      क्यों स्कॉटिश गाय के लेदर से बनती हैं ये गेंदें

      वैसे ड्यूक गेंदों की कड़ी प्रतिस्पर्धा हमेशा ही कूकाबुरा गेंदों से होती है लेकिन ये सबने माना है कि ड्यूक गेंदों का कोई जवाब नहीं. जजोदिया ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में क्रिकेट नेक्स्ट डॉट कॉम को बताया था कि ये गेंदें स्कॉटिश गाय के चमड़े से बनाई जाती है. असल में चमड़ा काफी दमदार होता है. यही उत्कृष्ट क्वालिटी वाला लेदर गेंदों की गुणवत्ता को भी उम्दा बनाता है.

      जिस स्कॉटिश गाय का चमड़ा गेंद के लिए इस्तेमाल होता है, वो स्काटलैंड की एंगस गाय होती है. गाय की पेट की चमड़ी काफी पतली होती है, जब वो गर्भवती होती है तो ये खिंचता भी है. वहीं पीठ बहुत मजबूत होती है.

      ये भी पढे़ं – जानिए कौन से हैं वे लक्षण जो बताते हैं कि प्यार में हैं आप

      कैसे बनती है ये गेंद 

      लिहाजा गाय के शरीर की पीठ के खास हिस्से का चमड़ा ही कंपनी खरीदती है, क्योंकि वो सबसे मजबूत होता है. इसकी चार इंच की मोटाई वाले पैनल काटते हैं. पूरी गेंद में एक ही चमड़े का इस्तेमाल होता है. ड्यूक गेंद फोर क्वार्टर की होती है. यानी चमड़े के चार टुकड़ों को सिलकर एक गेंद बनाई जाती है. चारों टुकड़े एक ही मोटाई के होते हैं.

      ड्यूक बॉल्स कई तरह और रंगों में बनाई जाती हैं, इनकी जांच परख करने के बाद ही इन्हें ओके किया जाता है

      इस गेंद के अंदर सही मात्रा में काॅर्क और रबर का इस्तेमाल होता है ताकि नमी को बर्दाश्त कर पाए और मजबूत बनी रहे. लिहाजा हर गेंद इस मामले में दमदार होती है. फिर इसे हाथ से सिला जाता है. जबकि कूकाबुरा गेंदों की सिलाई में हाथ और मशीन दोनों का इस्तेमाल होता है. कूकाबुरा गेंद ऑस्ट्रेलिया में बनती है.

      इन गेंदों से स्विंग गेंदबाजों को मिलती है खूब मदद

      इस गेंद की सिलाई, स्विंग और उछाल गेंदबाजों के लिए वरदान साबित होती है.जब इंग्लैंड में बादल छाए हों तो ये ड्यूक गेंद अंदर और बाहर दोनों तरफ स्विंग करती है.यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है. डयूक गेंद की भारतीय उपमहाद्वीप में भी स्विंग कर सकती है. ड्यूक की एक सिंगल गेंद की सिलाई में तीन से साढ़े तीन घंटे का वक्त लगता है. इस गेंद की दूसरी खासियत यह है कि इसकी चमक भी देर तक बनी रहती है.

      एसजी गेंद की चमक जल्दी खत्म हो जाती है

      एसजी गेंदें भारत में बनती हैं. एसजी गेंद की सिलाई तो ठीक होती है लेकिन इसकी चमक बहुत जल्दी खत्म हो जाती है. भारतीय कप्तान विराट कोहली की शिकायत है कि इस सीरीज में उन्होंने देखा है कि एसजी बाॅल 60 ओवरों तक भी नहीं चल पा रही है.



      Tag:क, कर, कस, कहल, जस, डयक, परव, बनत, बल, रह, व, वरट, ह, हत

      • Share:
      author avatar
      My Tech Learn

      Previous post

      आकाश चोपड़ा ने कहा- युजवेंद्र चहल को जल्द से जल्द टेस्ट टीम में शामिल करना चाहिए/IND vs ENG Aakash Chopra names two new spinners for 2nd and 3rd test India should add him ASAP– News18 Hindi
      11 February 2021

      Next post

      कौन हैं इकबाल अब्दुल्ला, जिन्हें उत्तराखंड का कप्तान बनाना चाहते थे जाफर, आजमगढ़ से है रिश्ता
      11 February 2021

      You may also like

      मोटेरा की पिच के मुद्दे पर इंग्लैंड के बल्लेबाजी कोच ने दिया दिल जीतने वाला बयान
      27 February, 2021
      सिर्फ 2 दिन में टेस्ट हारने के बाद आपस में भिड़े इंग्लैंड के खिलाड़ी, बोर्ड ने लगाई फटकार
      27 February, 2021
      अपनी ही टीम के खिलाफ बोला इंग्लैंड का दिग्गज, कहा-कुछ खिलाड़ी मानसिक रूप से टूट गए होंगे
      27 February, 2021

      Leave A Reply Cancel reply

      Your email address will not be published. Required fields are marked *

      Search

      Categories

      • Blog
      • Business
      • Cricket
      • Health
      • How To
      • informative
      • Internet
      • Uncategorised
      • Youtube

      Latest Courses

      गुगल फॉर्म तयार करणे (मराठी) How to create a google form in marathi

      गुगल फॉर्म तयार करणे (मराठी) How to create a google form in marathi

      Free
      स्वत:चा इ मेल id कसा तयार करायचा ? इ मेल कसा पाठवायचा ?

      स्वत:चा इ मेल id कसा तयार करायचा ? इ मेल कसा पाठवायचा ?

      Free
      ऑनलाइन टेस्ट तयार करना

      ऑनलाइन टेस्ट तयार करना

      ₹200.00 ₹100.00

      Power by Tech Radar Live

      • About Us
      • Terms & Conditions
      • Privacy Policy
      • Disclaimer
      No apps configured. Please contact your administrator.

      Login with your site account

      No apps configured. Please contact your administrator.

      Lost your password?