40 में से 35 फैसले सही देने वाले अंपायर नितिन मेनन बोले- अभी फॉर्म में हूं, इसे जारी रखूंगा-Nitin Menon Said Like Players Umpire too have form I Would like to continue it in future

भारतीय अंपायर नितिन मेनन(Nitin Menon) को पिछले साल जून में कोविड-19 के दौरान आईसीसी ने अंपायरों की एलीट पैनल में शामिल किया था. लेकिन उन्हें पहली बार इस साल फरवरी में मैदान में उतरने का मौका मिला. (Ameer HS/Twitter)
भारत और इंग्लैंड (Ind vs Eng) के बीच हाल ही में खत्म हुई टेस्ट, वनडे और टी20 सीरीज में भारतीय अंपायर नितिन मेनन (Nitin Menon) ने शानदार अंपायरिंग की. सीमित ओवर की सीरीज में मेनन के फैसले के खिलाफ 40 बार रेफरल का इस्तेमाल किया गया, लेकिन सिर्फ पांच बार उनके फैसले को बदला गया. इससे पता चलता है कि उन्होंने कितनी अच्छी अंपायरिंग की.
मेनन ने भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चार टेस्ट, पांच टी20 और तीन वनडे मैच की सीरीज में अंपायर की भूमिका निभाई थी. आईपीएल से पहले चेन्नई में क्वारैंटाइन अवधि पूरी कर रहे मेनन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि मेरे लिए पिछले दो महीने चुनौतीपूर्ण होने के साथ दिलचस्प थे. इससे आपको संतुष्टि मिलती है, जब लोग आपके अच्छे काम को देखते हैं और उसकी सराहना करते हैं. भारत-इंग्लैंड सीरीज में अंपायरिंग करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि विश्व कप चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिए दोनों टीमें संघर्ष कर रही थी और विदेशों में प्रभावशाली जीत के साथ यहां पहुंची थी. पिच भी काफी चुनौतीपूर्ण थी.
मेनन आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल तीसरे भारतीय
एस वेंकटराघवन और एस रवि के बाद आईसीसी एलीट पैनल में जगह बनाने वाले तीसरे भारतीय बने मेनन ने कहा कि यह सीरीज दुनिया की दो शीर्ष रैंकिंग वाली टीमों के बीच थी. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मुझे खुशी है कि हमने अंपायरिंग टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया. सीमित ओवरों की सीरीज में मेनन के फैसले के खिलाफ 40 बार रेफरल (तीसरी अंपायर की मदद मांगी गई) का इस्तेमाल किया गया, लेकिन सिर्फ पांच बार उनके फैसले को बदला गया. इससे पता चलता है कि उन्होंने पूरी सीरीज में कितने बेहतर और सटीक फैसले दिए.अंतरराष्ट्रीय मैच में अंपायरिंग करते वक्त मानसिक रूप से मजबूत रहना जरूरी
लगातार बड़े मैचों में अंपायरिग करने वाले मेनन ने कहा कि सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप मानसिक रूप से कितने मजबूत हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत में होने वाले घरेलू टूर्नामेंट के कारण मेरे लिए लगातार मैचों में अंपायरिंग करना नई बात नहीं है. हम रणजी ट्रॉफी (चार दिवसीय प्रथम श्रेणी मुकाबले) में औसतन आठ मैच में अंपायरिंग करते है. इसमें एक से दूसरे स्थान के बीच की यात्रा भी शामिल होती है. लगातार दो महीने तक अंपायरिंग करने के बाद मेनन को घर में सिर्फ दो दिन बिताने का मौका मिला और आईपीएल के लिए उन्हें फिर बायो सिक्योर बबल में आना पड़ा.
मेनन के मुताबिक, यह काफी चुनौतीपूर्ण है. जिस दिन मैच नहीं होता है, उस दिन स्थिति और मुश्किल होती है क्योंकि हम होटल से बाहर नहीं जा सकते. बबल में हम परिवार की तरह रहते है और एक दूसरे का ख्याल रखते है.