5जी में खूब होगा चांदी का इस्तेमाल, डिमांड बढ़ने से निवेशकों की हो सकती है चांदी
हाल ही में जारी ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म सिल्वर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 5जी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अभी शुरुआती दौर में है. और अगले कुछ वर्षों में यह 4जी को रिप्लेस कर देगी. इसके चलते 5जी के लिए चांदी की डिमांड काफी होगी. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अगले 10 वर्षों के दौरान 5जी टेक्नोलॉजी और इससे जुड़े उपकरणों में चांदी की खपत 3.07 गुना बढ़ जाएगी. अभी जिस पैमाने पर 5जी इस्तेमाल की जा रही है, उसमें चांदी की मांग सालाना 213 टन है, जो 2030 तक 652 टन हो जाएगी.
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अगले दस साल तक बढ़ेगी चांदी की डिमांड
टेलीकॉम एक्सपोर्ट काउंसिल कमेटी के को-चेयर और पैरामाउंट केबल के एमडी संदीप अग्रवाल बताते हैं कि 5 जी के कई उपकरणों में चांदी का कनेक्टर के तौर पर इस्तेमाल होगा. चूंकि 5जी में टॉवरों की संख्या लाखों में होगी, इसलिए ज्यादा चांदी लगेगी. लेकिन यह एकदम से नहीं होगा, बल्कि कई साल लगेंगे. इसलिए टेलीकॉम सेक्टर में हर साल डिमांड में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
5जी के लिए 10 सालों में तीन गुना ज्यादा इस्तेमाल बढ़ेगा
अभी 5जी टेक्नोलॉजी में 213 टन चांदी की सालाना मांग है जो कि कुल सालाना वैश्विक सप्लाई का 0.75% हिस्सा है. 2025 तक 5जी डिवाइस में चांदी की खपत 453 टन तक पहुंच सकती है. यह कुल सालाना वैश्विक सप्लाई का 1.60% हिस्सा होगा. जबकि, 2030 तक 5जी में करीब 652 टन तक चांदी का इस्तेमाल होगा. यह कुल सालाना वैश्विक सप्लाई का 2.30% हिस्सा होगा. यानी कि चांदी का इस्तेमाल करीब तीन गुना ज्यादा बढ़ेगा.
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5जी के इन सभी उपकरणों में होता है चांदी का इस्तेमाल
बेस स्टेशंस, वायरलेस ब्रॉडबैंड की जगह नए होम डिवासेज, 5जी स्मार्टफोन्स, 5जी एंटीना, रेडियो फ्रीक्वेंसी मॉड्यूल, ऑप्टिकल ट्रांसिवर्स में चांदी का इस्तेमाल कनेक्टर के तौर पर होता है. इसके अलावा, सेमीकंडक्टर, आईसी/चिप्स, केबलिंग, पावर डिस्ट्रिब्यूशन, एमईएम सेंसर्स और आईओटी डिवाइसेज जैसे उपकरणों में भी चांदी लगती है.
5जी में चांदी की क्यों है जरूरत है
टेलीकॉम एक्सपर्ट नीरज एलिया बताते हैं कि 5जी टेक्नोलॉजी सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को आपस में जोड़ने का काम करेगी. ऐसे में अगले पांच वर्षों के दौरान इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) का चलन बढ़ेगा और कनेक्टेड डिवाइस धीरे-धीरे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन जाएंगी. इन उपकरणों में चांदी कनेक्टर की भूमिका अदा करती है.
बीते साल चांदी से मिला था 45 फीसदी का रिटर्न
बीते साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण फैली अनिश्चितता ने निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने और चांदी में निवेश किया. 2020 में सोने में करीब 28.24 फीसदी की तेजी आई। यह पिछले आठ साल के सबसे अधिक गेन्स था. इसके अलावा घरेलू बाजार में चांदी में भी 45.80 फीसदी की तेजी आई. यह 2010 के बाद सबसे अधिक गेन्स था. फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक इस साल भी सोने और चांदी से बेहतर रिटर्न की उम्मीद है. सोने में इस साल 2021 में 33 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है और चांदी में 21-33 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है.
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