जीएसटी (GST) क्या है? GST की पूरी जानकारी हिंदी में
जीएसटी (GST) क्या है? GST की पूरी जानकारी हिंदी में
दोस्तों केंद्र सरकार ने 2017 से GST जीएसटी लागू किया है | आप में से सभी लोगों ने जीएसटी GST के बारे में जरूर सुना होगा |
और आप में से कई सारे लोगों ने तो जीएसटी पर भी किया होगा | अगर हम GST का फुल फॉर्म देखिए तो (Good and Services Tax)गुड्स एंड सर्विस टैक्स ऐसा होता है |
GST शुरू होने के पहले हमें कई सारे प्रकार के टैक्स एस देने पड़ते थे जिनमें एक्साइज टैक्स सर्विस टैक्स सेल्स टैक्स Vat आदि कई प्रकार के टैक्स हमें paid करने पड़ते थे |
लेकिन जैसे ही यहां जीएसटी शुरू हुआ तब से हमारे देश में सिर्फ एक ही प्रकार का टैक्स हमें पेड़ करना होता है | एक देश और एक टैक्स यह तत्व पर इस GST निर्माण किया गया है |
इस पोस्ट आर्टिकल में हम आपको GST बारे में हिंदी में पूरी जानकारी देने वाले हैं |
तो चलिए जान लेते हैं कि यह जीएसटी क्या होती है जीएसटी के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में आसान तरीके से हम आप को समझाते हैं |
दोस्तों लगभग 3 साल हो गए हैं हमारे देश में जीएसटी लागू हुआ है | लेकिन बहुत सारे लोगों को अभी तक यह पता नहीं है कि यह जीएसटी ( GST ) आखिर में होता क्या है ?
वास्तव में जीएसटी GST एक प्रकार का INDIRECT TAX ही होता है | INDIRECT TAX का अर्थ होता है कि अगर हम कोई प्रोडक्ट या फिर सर्विस जब भी हम खरीदते हैं तो उस पर हम यह जीएसटी देते हैं | किसका सा फर्क होता है कि किसी भी माल या सर्विस पर यह जीएसटी लगाया जाता है |
दोस्तों आप यह सोचते होंगे कि इस प्रकार का टैक्स तो हम इससे पहले भी देते थे तो इस जीएसटी में ऐसी कौन सी नई बात है ?
अगर आपको इसकी पूरी जानकारी चाहिए तो आपको यह पोस्ट पूरी पढ़नी होगी तभी आपको जीएसटी क्या है ? GST kya hai, इसके फायदे क्या है ? और नुकसान क्या है ?what is GST , type of gst in hindi , Information about GST in Hindi? GST kya hota hai, इसकी पूरी जानकारी मिलेगी |
जीएसटी क्या है? (What is GST in Hindi)
Good and Services Tax यही GST का फुल फॉर्म है | Good and Services Tax का मतलब होता है कि वस्तु और सेवा पर जो कर दिया जाता है उसे ही Good and Services Tax कहते हैं | पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की जो बिक्री होती है उसकी एक खासियत है कि उन पर लगने वाला GST पूरे देश में एक समान इसका Rate होगा | यानी कि अगर कोई वस्तु या सेवा पूरे देश में कोई ग्राहक लेता है तो उसे एक जैसा ही Tax चुकाना होगा |
वास्तव में सरकार का उद्देश्य इसमें किसी भी वस्तु या सर्विस पर एक ही जैसा Rate लगाना यही था जिस वजह से पूरे देश में किसी भी चीज की कीमत एक जैसी हो ना कम हो ना ज्यादा हो यही इस GST का उद्देश्य है |
GST की क्यों ज़रूरत पड़ी? पहले Tax पद्धति को क्यों बदलना पड़ा
पहले टैक्स की पद्धति बहुत ही पुरानी थी और उसमें कई सारे टैक्स शामिल थे | जैसे कि कोई भी माल अगर Factory से तैयार होकर निकलता था, तो उस पर सबसे पहले Excise Duty
लगती थी |
इस Excise Duty के साथ और कई टैक्स यहां पर लगते थे जिसमें उत्पाद शुल्क भी था अगर यही माल किसी और राज्य में बिक्री के लिए चला जाता था तो उस पर वह राज्य भी एक्स लगाता था |
प्रोडक्ट सर्विस किसी राज्य में आने के बाद चला जाता था तो उस पर और एक टैक्स लगता था जिसे हम VAT कहते हैं | अगर कोई प्रोडक्ट एक्सपेंसिव हो तो उस पर और भी अलग प्रकार के टैक्सेस LUXURY TAX लगते थे |
इसी प्रकार अगर कोई सेवा हो यानी कि होटल सेवा , इंटरनेट सेवा मोबाइल सेवा न्यू जैसे सेवाओं पर अलग-अलग प्रकार के टैक्स लगाए जाते थे |
जाने कि अगर हम इस सब का कंक्लूजन निकालते हैं तो जब तक कोई प्रोडक्ट या सर्विस CONSUMER तक पहुंच जाती थी तब तक उसे बहुत सारे टैक्स से गुजरना पड़ता था |
इसीलिए हर राज्य में उस प्रोडक्ट या सर्विस कि की कीमत में आपको फर्क दिखाई देता था |
इसी फर्क को कम करने के लिए और प्रोडक्ट या सर्विस इन पर आने वाला टैक्स सभी राज्यों में समान हो इस उद्देश्य को नजर रखते हुए GST लाने की जरूरत पड़ी |
GST को हमारे देश में क्यों लाया गया?
देश की अर्थव्यवस्था के नियम के अनुसार किसी भी वस्तु पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ही टैक्स लगा सकते थे | केंद्र सरकार किसी भी वस्तु के निर्माण याने MANUFACTURING उत्पादन और सेवाओं के लिए SERVICE यह दो प्रकार के टैक्स लगाती थी ।
और जब भी यह प्रोडक्ट किसी भी राज्य के अंदर आता था तो राज्य सरकार उस पर SALE सेल्स या बिक्री कर यानी टैक्स लगाती थी ।
इन केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के अलग अलग टैक्सेस CONSUMER यानी ग्राहक को देने होते थे यानी कि किसी भी टैक्स के ऊपर फिर से टैक्स देना पड़ता था ।
इसीलिए ग्राहकों के हित में सोचकर सरकार ने एक ऐसा टैक्स करने के बारे में सोचा जिससे वस्तु के निर्माण होने से उसके बिक्री तक यानी कि PRODUCTION to SALE उस पर आने वाला टैक्स एक जैसा हो |
वस्तु के Production और Sale तक जो भी अलग-अलग प्रकार के टैक्स एस थे उनके लिए जीएसटी का एक स्वरूप तय कर दिया गया | जीएसटी लाने के लिए जो पहले Tax के कानून थे उसमें भी बदलाव किया गया और संसद में संविधान संशोधन की प्रक्रिया अपनाई गई |
जिसके अंतर्गत GST को लागू करने के लिए एक नया कानून बनाया गया यह सभी प्रक्रिया बहुत ही लंबी कि इसलिए GST का कानून के रूप में आने के लिए बहुत ही वक्त गुजर गया |
GST की मुख्य विशेषताएं (Advantages of GST in Hindi)
जैसा कि हमने ऊपर दिए हुए विवरण में देखा कि GST जो है वह पूरे देश में एक जैसा ही लागू किया गया है जिसकी वजह से हमें टैक्स के ऊपर Tax नहीं देना पड़ता है इसीलिए जो आम जनता है उसका GST लागू होने की वजह से बहुत ज्यादा फायदा हुआ है |
1.टैक्स सिस्टम ज़्यादा आसान हो गया –
जैसा कि हमने देखा कि पहले का जो टैक्स का सिस्टम था वह बहुत ही जटिलता से भरा था । अलग-अलग प्रकार के टैक्स होने की वजह से वस्तु विक्रेता और ग्राहक को भी बहुत परेशानी का सामना उठाना पड़ता था ।
लेकिन जब से GST आ गया है तब से यही टैक्सेस टीम पहले से भी ज्यादा और आसान हो चुकी है ।
2. टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं –
जीएसटी क्या हाल है के पहले जो टैक्स सिस्टीम था उस पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार इनका अलग-अलग टैक्स होने की वजह से टेक्स्ट के ऊपर टैक्स देना पड़ता था |
लेकिन जो जीएसटी है उसमें ग्राहकों को वस्तु के उत्पादन से लेकर उसके बिक्री तक सिर्फ एक ही टैक्स देना है इसीलिए अलग-अलग टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ती और टैक्स के ऊपर टैक्स भी नहीं देना पड़ता |
3. ऑनलाइन टैक्स की पद्धति – GST जो टैक्स सिस्टम है वह पूरी तरह से ऑनलाइन है जिस वजह से इसमें कोई भी गड़बड़ी या धोखाधड़ी नहीं होती |
Online सिस्टम होने के कारण हर एक स्टेज पर इसकी बिलिंग होती है जिस वजह से सरकार तक सही तरीके से टैक्स पहुंच जाता है यह जीएसटी की एक विशेषता है |
4. हर जगह एक ही टैक्स का रेट –
GST लागू होने की वजह से पूरे राज्य और देश में एक ही वस्तु पर एक जैसा टैक्स या एक जैसी कीमत होने की वजह से हर जगह टैक्स का रेट सामान है |
इसलिए टैक्स के ऊपर कोई भी व्यापारी या वस्तु निर्माता मनमानी नहीं कर सकता | या अपने मन के अनुसार टैक्स या वस्तु की कीमत बढ़ा नहीं सकता |
अगर जीएसटी के रेट में कोई सुधार करना हो तो उसके लिए GST Council का निर्माण किया गया है |
अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री इस GST Council के अध्यक्ष होते हैं |
5.उपभोक्ता / ग्राहको का फायदा –
पहले वाली जो टैक्सेस टीम थी उसमें ग्राहकों को जो टैक्स चुकाना होता था वह था 30-35% ।
लेकिन GST के शुरू होने के बाद जो नया टैक्स सिस्टम आया उसमें ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा जो जीएसटी देना पड़ता है वह है 28% यानी लगभग 5 से 7% का फायदा ग्राहकों को इसमें है ।
जीएसटी के प्रकार Types Of GST
- CGST- ( सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स Central Goods and Service Tax (CGST) )
- SGST – ( गुड्स एंड सर्विस टैक्स State Goods and Service Tax (SGST))
- IGST – ( इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स Integrated Goods and Service Tax (IGST) )
देखते हैं कोई अगर वस्तु या सामान खरीदना है तो किस प्रकार से यह तीनों टैक्स लागू
IMPOSE हो सकते हैं
अगर कोई भी वस्तु या सेवा का उत्पादन राज्य में होता है और उसकी बिक्री भी उसी राज्य में होती है तो उस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार का बराबर टैक्स लगेगा |
हाउस टैक्स को हम CGST और SGST
कहते हैं |
अगर कोई वस्तु का उत्पादन एक राज्य में होकर वह दूसरे राज्य में बिक्री के लिए चला जाता है ।
तो उस पर केंद्र सरकार का टैक्स यानी IGST लगेगा |
जीएसटी का Rate (Rate Of GST in Hindi)
जीएसटी का दर फिक्स करने के लिए देश में जीएसटी काउंसिल तैयार किया गया है । इस काउंसिल के द्वारा जीएसटी के अलग-अलग ऐसे पांच स्लॅब तैयार किए गए हैं ।
जोकि निम्नलिखित दिया गया है ।
- 0%, GST
- 5% GST
- 12%, GST
- 18% GST
- 28% GST
कुछ वस्तुओं के उत्पादन पर 0% जीएसटी लगता है जैसे की सब्जियां अनाज इन जैसे आवश्यक वस्तुओं पर 0% जीएसटी लगता है |
तो कुछ ऐसे ही वस्तुए हैं जिन पर 28% जीएसटी लगता है जैसे कि रेफ्रिजरेटर एयर कंडीशनर मेकअप आदि का सामान |
शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सेवाओं को जीएसटी लागू नहीं होता |
जीएसटी में टैक्स देने की प्रक्रिया कैसी है ?
किसी भी वस्तुओं का निर्माण करने के बाद उसे कंजूमर ग्राहक तक पहुंचने तक उसे 4 प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है ।
- वस्तु निर्माता COMPANY
- व्यापारी WHOLESALER
- दुकानदार RETAILER
- ग्राहक CONSUMER
जब जीएसटी देने की बारी आती है तो वस्तु निर्माता यानी कंपनी होलसेलर से होलसेलर दुकानदार से और दुकानदार ग्राहक से जीएसटी वसूल करता है |
टैक्स क्रेडिट कैसे मिलता है ?
दोस्तों जीएसटी जो टैक्स सिस्टम है उसमें एक टैक्स क्रेडिट सिस्टम भी है यह टेक्स्ट क्रेडिट सिस्टम क्या है चलिए जान लेते हैं |
जैसे कि हमने ऊपर देखा कि होल सेलर और रिटेलर ग्राहक से जीएसटी वसूल करते हैं तो वह जो होलसेलर और रिटेलर ने जीएसटी दिया है वह उन्हें वापस मिल सकता है वह जीएसटी उन्हें सरकार देगी |
लेकिन उसके लिए एक शर्त है कि होलसेलर और रिटेलर इन्होंने GST का मंथली रिटर्न उन्हें भरना होगा | यह रिटर्न भरने के बाद ही उन्हें उनके द्वारा दिया गया हुआ जीएसटी उन्हें वापस मिल जाता है |
जीएसटी रिटर्न क्या है ? – What is GST Returns in Hindi
हर व्यापारी हर नौकर वर्ग उसने जो टैक्स दिया है उसे रिटर्न के लिए फाइल करता है उसी प्रकार जीएसटी को भी रिटर्न फाइल किया जाता है |
जीएसटी का कार्यभार पूरी तरह से साफ सुथरा हो और उसमें कोई भी धोखाधड़ी ना हो इसीलिए इस जीएसटी का रिटर्न सिस्टम अवेलेबल है |
GST RETURN भरने की वजह से सरकार के पास पूरी तरह वस्तु के उत्पादन से लेकर वस्तु के बिक्री तक पूरी जानकारी सरकार तक पहुंच जाती है |
इतनी सारी प्रोसेस होने के बाद ही व्यापारी को उसभरा हुआ जीएसटी टैक्स उसे फिर से मिल जाता है |
जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं? How to Register in GST ?
सरकार ने जीएसटी रिटर्न करने के लिए GST की एक खास Website बनाई है | www.gst.gov.in
इस वेबसाइट पर साइन अप करके कोई भी व्यापारी यहां पर मांगे गए डॉक्यूमेंट को देखकर या अपलोड कर कर अपना GST Account इस GST Website वेबसाइट पर Open कर सकता है |
जीएसटी की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होने की वजह से हर व्यापारी को भी जीएसटी के वेबसाइट पर अपना अकाउंट क्रिएट करना जरूरी होता है |
GST किसे रजिस्ट्रेशन करवाना है ज़रूरी?
आसान शब्दों में कहे तो यहां पर जिनकी उत्पन्न ना या इनकम जहां पर 50 लाख से ज्यादा हो उन्हें इस जीएसटी के लिए रजिस्टर करना अनिवार्य होता है |
लेकिन यहां पर अगर हम भारत के पूर्व इलाके के कुछ राज्यों के बारे में देखे तो यहां पर उत्पन्न की सीमा ₹20 लाख कर दी है ।
GST के बारे में हमने क्या सीखा ?
दोस्तों वैसे तो जीएसटी जैसा विषय बहुत ही जटिल विषय होता है लेकिन इस आर्टिकल के माध्यम से मैंने बड़ी आसानी से इस विषय को आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की है ।
मुझे उम्मीद है कि यहां पर मैंने जीएसटी के लगभग सारे विषय या मुद्दों को आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की है और आपको इसके द्वारा जीएसटी के बारे में जरूर जानकारी मिली होगी ।
किस आर्टिकल के जरिए हमने gst full form in hindi,what is GST , type of gst in hindi , gst in hindi ,gst rules in hindi ,gst portal,gst rates ,gst registration इन सब मुद्दों को कवर करके पूरी जानकारी ली है |
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